महिलाओं में Vitamin D की कमी के लक्षण, जिन्हें नजरअंदाज न करें

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विटामिन-डी (Vitamin D) हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है और इसे "सनशाइन विटामिन" भी कहा जाता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को भी सुनिश्चित करता है। लेकिन महिलाओं में विटामिन-डी की कमी एक आम समस्या बन चुकी है, जिससे शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों को हल्के में लेना नुकसानदायक हो सकता है।

1. बालों का झड़ना

विटामिन-डी की कमी से बालों का झड़ना या उनका पतला होना एक आम लक्षण है। लोग अक्सर इसे हार्मोनल बदलाव या तनाव से जोड़ते हैं, लेकिन असल में विटामिन-डी की कमी बालों के रोम के पोर्स को कमजोर कर देती है, जिससे बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।

2. हड्डियों में कमजोरी और दर्द

विटामिन-डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत और घनी होती हैं। अगर शरीर में विटामिन-डी की कमी हो, तो हड्डियों की डेंसिटी कम हो सकती है, जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हड्डियों में हल्का दर्द, अकड़न, और खासकर सुबह उठते वक्त दर्द विटामिन-डी की कमी का संकेत हो सकते हैं।

3. बिना वजह की थकान

अगर आपको बिना किसी स्पष्ट कारण के लगातार थकान महसूस हो रही है, तो यह विटामिन-डी की कमी का लक्षण हो सकता है। आमतौर पर लोग इसे अधिक काम या नींद की कमी से जोड़ते हैं, लेकिन असल में यह शरीर में विटामिन-डी की कमी के कारण हो सकता है, जो ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करता है।

4. स्ट्रेस, एंग्जायटी और मूड स्विंग्स

विटामिन-डी की कमी से मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है। यह ब्रेन में पाए जाने वाले विटामिन-डी रिसेप्टर्स को प्रभावित करता है, जिससे सेरोटोनिन जैसे मूड संबंधित रसायन पर असर पड़ता है। इसके कारण डिप्रेशन, स्ट्रेस, और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, विटामिन-डी की कमी से कॉग्निटिव फंक्शन भी प्रभावित हो सकता है, जिससे याददाश्त की समस्या हो सकती है।

5. हार्मोनल असंतुलन

विटामिन-डी शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। इसकी कमी से महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल प्रभावित हो सकती है और PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जो अंततः इन्फर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, विटामिन-डी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे सेक्स हार्मोन के उत्पादन में भी मदद करता है, जिससे हार्मोनल संतुलन बनाए रहता है।


विटामिन-डी की कमी से बचाव के उपाय

  • धूप में समय बिताएं: विटामिन-डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है, इसलिए रोजाना कम से कम 10-15 मिनट धूप में बैठने की कोशिश करें।
  • विटामिन-डी युक्त आहार: मछली, अंडे, दूध, और विटामिन-डी से समृद्ध अन्य आहार का सेवन करें।
  • सप्लीमेंट्स: यदि डॉक्टर के द्वारा सुझाया जाए तो विटामिन-डी सप्लीमेंट्स का सेवन भी करें।

निष्कर्ष: विटामिन-डी की कमी को नजरअंदाज करना शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है, खासकर महिलाओं के लिए। यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रही हैं, तो जल्द ही एक डॉक्टर से संपर्क करें और विटामिन-डी स्तर की जांच करवाएं। यह छोटी सी चूक बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, इसलिए इसे हल्के में न लें।

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