कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। लाखों लोग इसके शिकार हुए और सभी देशों में हालात बेकाबू हो गए थे। कोरोना के बाद मंकीपॉक्स वायरस ने 100 से अधिक देशों में दस्तक दी, और अब अफ्रीका में मारबर्ग वायरस भी तेजी से फैल रहा है। इस बीच एक और नई महामारी, 'डिजीज एक्स', फैलने का खतरा बढ़ चुका है, जिसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है। अफ्रीका में अब तक डिजीज एक्स के 300 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
WHO का अलर्ट: डिजीज एक्स से निपटने के लिए तत्काल तैयारी जरूरी
WHO ने 'डिजीज एक्स' के खतरे को गंभीरता से लिया है और इसे लेकर वैश्विक स्तर पर तत्काल तैयारियों की आवश्यकता जताई है। WHO के महानिदेशक, टेड्रोस घेबियस, ने दुनिया भर के देशों से इस महामारी से निपटने के लिए एकजुट होकर महामारी संधि पर हस्ताक्षर करने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि डिजीज एक्स कोरोना से भी 20 गुना ज्यादा खतरनाक हो सकती है, और इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
क्या है डिजीज एक्स?
डिजीज एक्स कोई एक विशिष्ट बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक संभावित वायरस या संक्रमण का नाम है, जिसे COVID-19, इबोला, लासा बुखार या जिका जैसे वायरस के समान माना जाता है। WHO ने 2018 में इस शब्द का उपयोग किया था, और इसे एक अज्ञात, नए वायरस या रोग के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसके लिए कोई ज्ञात इलाज या उपचार नहीं है। इस बीमारी के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे हो सकते हैं, लेकिन इसके परिणाम अधिक गंभीर हो सकते हैं। अफ्रीका में इसके मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिससे यह महामारी एक बड़े संकट का रूप ले सकती है।
डिजीज एक्स के लक्षण
चूंकि डिजीज एक्स एक अज्ञात बीमारी है, इसके लक्षण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लक्षण SARS, COVID-19, या इबोला जैसे संक्रमणों के समान हो सकते हैं। संभावित लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार और ठंड लगना
- गंभीर श्वसन समस्या (सांस लेने में कठिनाई)
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं (जैसे दस्त या उल्टी)
- बिना कारण ब्लीडिंग या चकत्ते
- अत्यधिक थकान और कमजोरी
- सिरदर्द और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याएं
WHO ने दुनियाभर के देशों से आग्रह किया है कि वे इस नई महामारी के लिए तैयार रहें और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है।